नराकास की भूमिका नराकास हरिद्वार की पृष्ठभूमि एवं वर्तमान स्थिति
भारत सरकार के माननीय सचिव राजभाषा के अनुमोदन से नराकास, हरिद्वार का गठन निदेशक (कार्यान्वयन) के पत्र संख्या: 12024/9/2005-रा.भा.(का-2), दिनांक 26 सितंबर, 2005 के अनुसार किया गया और इसकी अध्यक्षता का उत्तररदायित्व कार्यपालक निदेशक, बीएचईएल, हरिद्वार को सौंपा गया । दिनांक 15 दिसंबर, 2005 को नराकास, हरिद्वार की प्रथम बैठक भारत सरकार, राजभाषा विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव, श्री मदनलाल गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित की गई ।
05 अप्रैल, 2017 से नराकास, हरिद्वार की अध्यक्षता का दायित्व टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, ऋषिकेश को सौंपा गया है । नराकास, हरिद्वार के वर्तमान अध्यक्ष टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक(कार्मिक),श्री विजय गोयल हैं ।
व्यापक भौगोलिक क्षेत्र के दस नगरों में स्थित नराकास, हरिद्वार, केन्द्र सरकार एवं सार्वजनिक उपक्रमों के कार्यालयों और राष्ट्रीयकृत बैंको में राजभाषा हिंदी के प्रचार- प्रसार एवं बढ़ोतरी तथा राजभाषा कार्यान्वयन के लिए वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है ।
वर्तमान में नराकास, हरिद्वार के सदस्य हरिद्वार, रूड़की, चमोली, पीपलकोटी, रूद्रप्रयाग, देवप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, ऋषिकेश, रायवाला तथा लंढौरा स्थित केन्द्र सरकार के 65 कार्यालय हैं ।
भारत सरकार द्वारा जारी वार्षिक कलेंडर के अनुसार नराकास, हरिद्वार में नियमित रूप से अर्धवार्षिक बैठकों, नराकास हिंदी समन्वयकर्ता सम्मेलनों, हिंदी प्रतियोगिताओं, हिंदी तथा यूनिकोड कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है ।